Mar 22, 2010

खुली किताब हूँ.


मै अजनबी दुनिया में तनहा एक ख्वाब हूँ ,

सवालों से खफा एक छोटा सा जवाब हूँ ,

जो न समझ सके उसके लिए पहेली हूँ ,

और जो समझ ले उसके लिए खुली किताब हूँ.

1 comment:

  1. बहुत अद्भुत अहसास...सुन्दर प्रस्तुति .पोस्ट दिल को छू गयी.......

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