Oct 19, 2009

बस खुद से अनजानी सी हूँ

बस खुद से अनजानी सी हूँ
सपनो की दुनिया में खोई सी हूँ
खुद को कैसे खोजूं कोई रास्ता भी नज़र नहीं आता
बस इक ऐसी खोज में खोई हुई -की
सब रिस्तो को खो दिया हैं
बस इस अनजाने तन में तनहा सी हूँ
पर क्या करू बस खुद को खोज रही हूँ
और अपने आप को खोज रही हूँ
बस इक अनजानी को जानने वाली बनाना चाहती हूँ~
बस खुद से अनजानी सी हूँ

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